दांतों को शेप में लाने के लिए 'ब्रेसेस' के अलावा हैं ये विकल्प || want your teeth in shape then try these alternatives of braces
टेढ़े-मेढ़े दांतों को सीधा करने के लिए या
इनके बीच के खाली जगहों को भरने के लिए अगर आप ब्रेसेस पसंद नहीं करते हैं
तो कई दूसरे विकल्प भी मौजूद हैं।
ब्रेसेस के विकल्प
बुरा दिखना किसी को पसंद नहीं होता और अच्छे दिखने के लिए हर कोई बहुत से एफर्ट्स लगाता है। अच्छे दिखने में सबसे ज्यादा भूमिका निभाते हैं हमारे दांत, क्योंकि जब हम मुस्कुराते हैं तब पॉजिटिविटी दिखती है। लेकिन जिसके दांत अच्छे न हो तो वह मुस्कुराने में हिचकेगा। ऐसे में उनको सुंदर बनाने किए कई लोग ब्रेसेस का उपयोग करते हैं। लेकिन मैटल के ब्रेसेस का उपयोग करने से कई लोग घबराते हैं। ऐसे में वो लोग ब्रेसेस के अलावा अन्य उपाय भी अपना सकते हैं। इसके दूसरे विकल्पों के बारे में यहां जानें।
रिटेनर्स
इसे किसी भी वक्त दांतों में लगाया जा सकता है और दांतों से निकाला जा सकता है। ये दांतों को सही पोजिशन में लाने के लिए उपयोग में लाया जाता है। एसिक्स रिटेनर्स पूरी तरह से ट्रांसपैरेंट होता है जो दांतों के ऊपर लगाया जाता है। लेकिन इसका इस्तेमाल तभी संतोषदायक है जब दांत ज्यादा टेढ़े-मेढ़े न हो। ये ज्यादा महंगे नहीं होते और इन्हें पहनना बहुत आसान होता है।
हेडगियर या कैप
अगर आपके दांत ज्यादा खराब हैं और दिखने में बिल्कुल भी अच्छे नहीं लगते तब हेडगियर या कैप का उपयोग किया जाता है। इसका इस्तेमाल दांतों को सही शेप में लाने के लिए किया जाता है। इस क्रिया में ऊपर वाले दातों और मसूड़ों पर प्रेशर दिया जाता है। इसकी सबसे अच्छी बात है कि इसे दिन में कुछ घंटों के लिए ही पहना जाता है। अधिकतर लोग इसे रात में सोते वक्त पहनते हैं। लेकिन एक बात का हमेशा ध्यान रखें की इसे खेलते समय, खाते समय और ब्रश करते समय जरूर उतार दें।
क्लीयर अलाइनर्स
इनविज़अलाइन जो क्लीयर अलाइनर्स के तौर पर अधिक उपयोग में लाया जाता है। यह ब्रेसेस के विकल्प के तौर पर इस्तेमाल किया जाने वाला सबसे लोकप्रिय विकल्प है। इससे किसी भी प्रकार के दांतों को सही किया जा सकता है। इस क्रिया में डेंटिस्ट दांतों के अनुसार एक क्लीयर अलाइनर ट्रे सिरीज़ देते हैं जिसे दांतों के ऊपर लगाया जाता है। प्रत्येक अलाइनर को दिन में बीस घंटे दो हफ्ते तक के लिए पहनना जरूरी है। दो हफ्ते के बाद दूसरी ट्रे उपोयग में लाई जाती है। यह क्रिया सिरीज़ के खत्म होने तक अपनाई जाती है।
विनियर
विनियर पोर्सिलिन की पानी जैसी पतली परत होती है, जो दांतो के ऊपर लगा दी जाती है। दांत का नाप लेकर लैब में पोर्सिलिन या सिरेमिक की परत तैयार की जाती है। इसको दांतों में फिट करने से पहले दांतों के ऊपर से एनामल की एक परत हटा दी जाती है। दांतों के बीच की खाली जगह को भरने के लिए उपयोग में लाया जाता है और ये पांच साल तक कारगर होते हैं। पांच साल के बाद आफको इसे दोबारा करने की जरूरत होगी।
बॉन्डिंग
अगर दांत पीछे हैं तो उन्हें आगे लाने के लिए, अगर दांत बाहर निकले हैं तो उन्हें पीछे ले जाने के लिए या टूटे-फूटे दांतो को शेप में लाने के लिए दांतों की बॉन्डिंग का इस्तेमाल भी किया जाता है। अगर कोई दांत पीछे है तो उसकी बॉन्डिंग कर एक लाइन में लाया जाता है। टूटे-फूटे दांतों को शेप में लाने के लिए दांत के रंग की कंपोजिट फीलिंग को दांत के ऊपर लगाया जाता है। यह सब विकल्पों में सबसे आसान और सस्ता विकल्प है।
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