जानलेवा लीची बिहार में अब तक जा चुकी है सैकड़ों बच्चों की जान

अगर आपसे कोई कहे की लीची खाने से आपकी जान जा सकती है...तो क्या करेंगे आप?

पहले आप चौकेंगे। फिर आपको विश्वास नहीं होगा। फिर आप इन बातों को नजरअंदाज कर देंगे।

लेकिन ये बात नजरअंदाज करने की नहीं है। क्योंकि इससे अब तक बिहार के मुजफ्फरपुर में सैकड़ों बच्चों की जान जा चुकी है।





इस खुलासे ने पूरे देश को झकझोर दिया है और ये केवल इस साल की समस्या नहीं है। हर साल बिहार में सैकड़ों बच्चे इस लीची के वजह से काल के गाल में समा रहे हैं। ये मामला बिहार के मुजफ्फरपुर का है, जहां बीते 4 दशकों में सैकड़ों बच्चों की जान अज्ञात बीमारी से जा चुकी है। इस बीमारी का अब तक पता नहीं चला है। वहां के निवासी केवल इतना कहते हैं कि ये बीमारी बाजार में लीची आने क बाद शुरू हो जाती है।

  • लीची अगर बहुत पसंद है तो संभल जाएं।
  • लीची में होता है जहरीला तत्व।
  • इसके कारण जा चुकी है सैकड़ों बच्चों की जान।

चमकी नाम से कुख्यात

लीची से होने वाली इस बीमारी को स्थानीय लोग चमकी के नाम से बुलाते हैं। हर साल इस चमकी नाम की कुख्यात बिमारी से सैकड़ों बच्चों की मृत्यु हो रही है। आंकड़ों पर गौर करें तो इस बीमारी से केवल 2014 में ही 122 बच्चों की मौत हो चुकी है। इस बीमारी की गंभीरता का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि इस पर भारत और अमरीका के वैज्ञानिक मिल कर रिसर्च कर रहे हैं।


इन वैज्ञानिकों की संयुक्त कोशिशों से पता चला है कि खाली पेट अधिक लीची खाने की वजह से बीमारी हुई है। इनकी रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार अधिकांश बच्चों ने खाली पेट लीची खाई थी। जिसके बाद बच्चे बीमार पड़ना शुरू हुए। 2014 में लीची खाने के बाद चमकी नाम की बीमारी से 390 बच्चे बीमार पड़ गए। जिन्हें आनन-फानन में उस समय अस्पतालों में भर्ती कराया गया जिनमें से 122 की मौत हो गई।

लीची में होता है जहरीला तत्व

वैज्ञानिकों के अनुसार लीची में मिथाइलेन्साइक्लोप्रोपाइल्गिसीन और हाइपोग्लिसीन ए नाम का ज़हरीला तत्व होता है जो बच्चों को बीमार कर देता है। अस्पताल में भर्ती हुए अधिकतर बच्चों के पेशाब व खून की जांच करने के बाद उनमें इन जहरीले तत्वों की मौजूदगी का पता चला है। दरअसल जो बच्चे बीमार हुए उन्होंने शाम को भोजन नहीं किया था और सुबह ज़्यादा मात्रा में लीची खाई थी। इस स्थिति में इन जहरीले तत्वों का असर बच्चों पर ज्यादा घातक तरीके से पड़ा, जो उनकी बीमारी का कारण बन गया।

पत्रिका लैंसेट में छपी है ये रिपोर्ट

यह रिसर्च लगभग तीन साल चली है औऱ अब इसके परिणाम मशहूर विज्ञान पत्रिका लैंसेट ग्लोबल में छपे हैं।


कुपोषित बच्चों पर पड़ता है ज्यादा असर


लीची के इन जहरीले तत्वों का असर कुपोषण के शिकार बच्चों पर ज्यादा पड़ता है। कुपोषित बच्चों और पहले से बीमार बच्चों में अधिक लीची खाने पर इस बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि खाली पेट होने के दौरान शरीर में हाइपोग्लाइसेमिया या लो ब्लड शुगर की समस्या हो जाती है। खासकर उन बच्चों में जिनके लिवर तथा मसल्स में ग्लाइकोजन-ग्लूकोज को स्टोर करने की क्षमता सीमित होती है। जिसकी वजह से शरीर में एनर्जी पैदा करने वाले फैटी एसिड और ग्लूकोज का ऑक्सीकरण हो जाता है।

इसलिए रखें ध्यान


  • इसलिए बच्चों को लीची खिलाने से पहले इन चीजों का ध्यान रखना जरूरी है। जैसे,
  • कि उन्हें खाली पेट लीची ना खिलाएं।
  • कुपोषित बच्चे या इंसान को लीची ना खिलाएं।
  • लो बीपी की जिसको समस्या है वो ज्यादा मात्रा में लीची ना खाएं।

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